किसने कहा डर: रोजमर्रा की जिंदगी के डर से निपटने के लिए एक उपयोगकर्ता पुस्तिका?
हेक्टर गोमेज़ (लेखक)
डर हमारे शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है जो संभावित खतरों और खतरों के प्रति होती है। डर हमारी जान बचाता है, लेकिन आज की दुनिया में हम जिस गति से जीवन जी रहे हैं, उसके कारण यह प्राकृतिक अलार्म हर पल सक्रिय रहता है, जिससे हम लगातार सदमे की स्थिति में रहते हैं। इस प्रकार भय, जुनूनी-बाध्यकारी विकार, घबराहट के दौरे, चिंता और तनाव उत्पन्न होते हैं। इन परेशानियों से निपटने के लिए मनोचिकित्सक हेक्टर गोमेज़ जैसे विशेषज्ञ से सटीक जानकारी लेना उपयोगी है।